It will be shipped from our warehouse between Monday, June 17 and Tuesday, June 18.
You will receive it anywhere in United States between 1 and 3 business days after shipment.
Aadhunik Bharat Ke Nirmata Dr. Bhimrao Ambedkar (आधुन क भारत क न (in Hindi)
Ambedkar, Mahesh
Synopsis "Aadhunik Bharat Ke Nirmata Dr. Bhimrao Ambedkar (आधुन क भारत क न (in Hindi)"
ऊपरवाले ने तो सिर्फ इंसान बनाया। किन्तु कुंठित विचारों और रूढ़ियों ने छुआछूत व ऊंच-नीच का आधार रखा। अब जिस महल की नींव ही इतनी कमजोर पड़ी हो वहां समता के साम्राज्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भारतीय सामाजिक ढांचा को जड़ से जकड़ चुकी इस विरोधाभासी स्थिति ने आपसी सौहार्द के बदले साम्प्रदायिकता का बीज बो दिया । किन्तु 25 दिसम्बर 1927 को मानवता के पुजारी डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने मनुस्मृति को अग्नि में स्वाहा करके दबी-कुचली व विवश जुबान को एक नई आवाज दी। किन्तु यह एक शुरुआत मात्र थी। 1925 में अछूतों के लिए आरक्षण की मांग हुई जिसे 20 अगस्त 1932 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री रेमजे मैकडोनाल्ड ने स्वीकृति प्रदान कर दी। मानवता को धर्म का मूल बताने वाले डॉ. अम्बेडकर अपनी विद्वता व बुद्धिमता के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी आदरणीय रहेंगे।