It will be shipped from our warehouse between Thursday, June 06 and Friday, June 07.
You will receive it anywhere in United States between 1 and 3 business days after shipment.
Shekh Sadi शेख सादी (Hindi Edition) (in Hindi)
Premchand, Munshi
Synopsis "Shekh Sadi शेख सादी (Hindi Edition) (in Hindi)"
अरब वालों का कहना है कि दूसरों के साथ भलाई कर, लेकिन उन पर उसका एहसान मत जता। जो भलाई तूने की है, उसका फल तो तुझे मिलेगा ही। फिर तू एहसान किसी और पर क्यों लादना चाहता है? ऊपर वाले का शुक्र कर कि तू दूसरों की भलाई करने के काबिल है, उसने तुझे इस काबिल बना दिया कि तू दूसरों की भलाई कर सके। दुनिया में दो तरह के आदमी बेकार तकलीफ पाते हैं। एक तो वे जो माल जमा करते हैं और उसका उपयोग नहीं करते और दूसरे वे जो पढ़ते तो हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं करते। आदमी चाहे जितना पढ़ ले, लेकिन उस पढ़े हुए पर यदि अमल नहीं करता तो वह जाहिल है। ऐसा आदमी न तो किसी बात को परख या समझ पाता है और न अक्लमंद बन पाता है। वह उस गधे की तरह है जिसे यह भी पता नहीं होता कि उसकी पीठ पर किताबें लदी हुई हैं या लकडिय़ों का बोझ। इल्म दीन और जिंदगी की बारीकियों को समझने के लिए होना चाहिए, पैसा कमाने के लिए नहीं। जिसने पैसे की खातिर अपना दीन, ईमान, इल्म और परहेजगारी को बेच दिया, उसकी मिसाल ऐसे किसान से दी जा सकती है, जिसने साल भर मेहनत करके अनाज उगाया, खलिहान में जमा किया और फिर उसमें आग लगा दी। इसलिए ऐ बादशाह! हुकूमत का काम जब तू किसी को सौंपे तो अक्लमंद को ही सौंप, हालांकि उसे कुबूल करना अक्लमंद का काम नì