It will be shipped from our warehouse between Monday, May 27 and Tuesday, May 28.
You will receive it anywhere in United States between 1 and 3 business days after shipment.
Pyar, Kitni Baar! (प्य , कितनी !)
Singh, Pratap Narayan
Synopsis "Pyar, Kitni Baar! (प्य , कितनी !)"
उसकी प्रार्थना ईश्वर के द्वारा तत्काल स्वीकार कर ली गयी। रात के खाने तक उसे पता चल गया कि आये हुए सज्जन चाचा के बहुत अच्छे मित्र हैं। उनकी पुत्री का नाम रागिनी है और उसने लखनऊ विश्वविद्यालय में बी. ए. में प्रवेश लिया है। अभी हॉस्टल मिलने में कुछ दिन लगेंगे तब तक वह यहीं रहेगी। माता- पिता अपनी पुत्री को यहाँ छोड़ने आए हैं।रात में जब वह बिस्तर पर लेटा तो स्वयं को एक नयी सुखद अनुभूति से लिपटा हुआ पाया। सोचने लगा कि अगर दस दिन भी यहाँ रही तो अच्छी खासी जान पहचान हो जायेगी। उसके बाद भी विश्विद्यालय कितनी दूर है ही । छुट्टी और त्योहारों पर भी वह यहाँ आया ही करेगी। मुलाकात की हर संभावना स्वतः उसकी आँखों के सम्मुख एक - एक कर प्रकट होने लगी। यह तो प्रतिभा से भी अधिक सुंदर हैं! इसके केश कितने घने और लम्बे हैं। प्रतिभा के बाल तो कंधे तक कटे हुए थे। इसके नैन-नक्श कितने तीखे हैं और यह प्रतिभा से ऊँची भी है। हाँ प्रतिभा इससे अधिक गोरी थी, लेकिन यह उससे कहीं अधिक सुन्दर है। बिलकुल सिने जैसी दिखती है।अब आशीष को विधाता की सारी चाल समझ में आने लगी। क्यों किसी लड़की ने आज तक उससे प्रेम नहीं किया? क्यों प्रतिभा उसे नहीं मिली? क्यों उसका मन तैयारी में नही