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Vigyan evam Nava-jagaran-kalin Patrakarita विज्ञान एवं नवजाग (in Hindi)
Dubey, Rakesh Kumar
Synopsis "Vigyan evam Nava-jagaran-kalin Patrakarita विज्ञान एवं नवजाग (in Hindi)"
यह पुस्तक भारत में यूरोपिय विज्ञान के आगमन एवं विज्ञान के संदर्भ में नवजागरणकालीन हिंदी पत्रकारिता के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में इस बात को प्रमाणों के आधार पर सिद्ध करने का प्रयास किया गया है कि भारत में प्राचीन काल से ही ज्ञान-विज्ञान की एक सशक्त परंपरा रही है। यूरोप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की आशातीत उन्नति एवं अंग्रेजों की भारत विजय एवं साम्राज्य के सुदृढ़ीकरण में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण अंग्रेज इसकी महत्ता को समझ चुके थे, इसी कारण वे इसे भारत में आने देना नहीं चाहते थे। 19वीं सदी से ही भारत की हिंदी पत्रकारिता ने विज्ञान के महत्व को समझा, आत्मसात किया और उसे जनता तक जनता की भाषा में पहुॅचाने का प्रयास किया। हिंदी पत्रकारिता ने विदेशी शासन की विज्ञान के क्षेत्र में स्थापित 'रंगभेद नीति' का विरोध करते हुए इस बात को बल प्रदान किया कि सब उन्नतियों का मूल विज्ञान है और भारत की उन्नति भी विज्ञान के ही बल पर हो सकती है।